
📊
🗓 लेखन तिथि: 1 जुलाई 2025
✍️ Drishti Prabha बिज़नेस डेस्क
🎯 8 साल पहले हुई थी शुरुआत, अब रिकॉर्डतोड़ कमाई!
देश में 1 जुलाई 2017 को जब वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था, तब शायद ही किसी ने अनुमान लगाया होगा कि यह टैक्स प्रणाली कुछ ही वर्षों में भारत की राजकोषीय रीढ़ बन जाएगी। आज, आठ साल बाद, वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन ने ₹22 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है।
📈 FY25 में ₹22.08 लाख करोड़ का कलेक्शन – 9.4% की ग्रोथ
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, FY25 में कुल जीएसटी कलेक्शन ₹22.08 लाख करोड़ रहा — जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.4% की सालाना वृद्धि दर्शाता है।
- एवरेज मंथली कलेक्शन: ₹1.84 लाख करोड़
- अप्रैल 2025: ₹2.37 लाख करोड़
- मई 2025: ₹2.01 लाख करोड़
🧾 टैक्सपेयर की संख्या में बड़ा उछाल
GST के लागू होने से पहले जहां देश में करीब 60 लाख टैक्सपेयर थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 1.51 करोड़ से भी अधिक हो गई है। यह न सिर्फ टैक्स नेटवर्क के विस्तार का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश के उद्योगों और व्यापारियों ने इस व्यवस्था को अपनाया है।
🔍 एक सर्वे में पाया गया कि 85% इंडस्ट्री ने जीएसटी को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
🪙 GST स्लैब्स: क्या-क्या टैक्स लगता है?
भारत में चार मुख्य जीएसटी स्लैब निर्धारित हैं:
- 🔹 5%, 🔹 12%, 🔹 18%, 🔹 28%
इसके अलावा: - सोना, चांदी, हीरे आदि पर: 3% / 1.5% / 0.25%
- रोजमर्रा की वस्तुएँ (जैसे अनाज, खाद्य तेल, मिठाई आदि) पर अलग-अलग दरें लागू होती हैं।
📊 पिछले 5 वर्षों में GST की ग्रोथ पर नज़र
वित्त वर्ष | GST कलेक्शन (₹ लाख करोड़ में) |
---|---|
FY20-21 | 11.37 |
FY21-22 | 14.83 |
FY22-23 | 18.08 |
FY23-24 | 20.18 |
FY24-25 | 22.08 |
🏛️ जीएसटी: भारत की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का आधार
GST सिर्फ एक टैक्स रिफॉर्म नहीं है, यह ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सपने को साकार करने वाला कदम है। इसके जरिए भारत ने न सिर्फ टैक्स कलेक्शन बढ़ाया है, बल्कि टैक्स चोरी पर लगाम लगाकर एक ट्रांसपेरेंट और डिजिटल टैक्स सिस्टम की नींव भी रखी है।
📌 निष्कर्ष:
8 सालों में GST ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए यह साबित कर दिया है कि अगर नीति में स्पष्टता और क्रियान्वयन में पारदर्शिता हो, तो भारत जैसे विशाल देश में भी जटिल टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाया जा सकता है।
💬 क्या आप मानते हैं कि जीएसटी ने व्यापार को आसान बनाया है? अपने विचार कमेंट में साझा करें।
📢 ड्रिस्टी प्रभा बिज़नेस रिपोर्ट्स पढ़ते रहें और देश-दुनिया की आर्थिक हलचलों से जुड़े रहें।
अगर